सफेद मूसली के लाभ Can Be Fun For Anyone



आयुर्वेद में सफेद मूसली के कंद, जड़ और बीज का प्रयोग औषधि के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है।

सफेद मूसली की गांठ वाली जड़ें और बीजों का इस्तेमाल औषधि के रुप में सबसे ज्यादा किया जाता है। आमतौर पर सफेद मूसली का उपयोग सेक्स संबंधी समस्याओं के लिए अधिक होता है लेकिन इसके अलावा सफेद मूसली का इस्तेमाल आर्थराइटिस, कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज),नपुंसकता आदि रोगों के इलाज में और शारीरिक कमजोरी दूर करने में भी प्रमुखता से किया जाता है। कमजोरी दूर करने की यह सबसे प्रचलित आयुर्वेदिक औषधि है। जानवरों पर किये एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं साथ ही यह सेक्स संबंधी गतिविधि को बढ़ाती है और टेस्टोस्टेरोन जैसे प्रभाव वाले सेक्स हार्मोन का स्तर बढ़ाती है।

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सफ़ेद मूसली में सेपोनिन और सेपोजिनिन नाम के तत्व पाए जाते है। यह एक औषधीय पौधा है जिसकी लम्बाई ४० से ५० सेंटीमीटर तक की होती है। जो इलाकें गर्म होते है वहां इसकी खेती की जाती है जहाँ पुरे साल बारिश ६० से ११५ सेंटीमीटर होती हो।

यदि मूसली का उपयोग प्लांटिगं मेटेरियल के रूप में करना हो तो इसे मार्च माह में ही खोदना चाहिए। इस समय मूसली को जमीन से खोदने के उपरान्त इसका कुछ भाग तो प्रक्रियाकृत (छीलकर सुखाना) कर लिया जाता है। जबकि कुछ भाग अगले सीजन मेंबीज (प्लांटिग मेंटेरियल) के रूप मेंप्रयुक्त करने हेतु अथवा बेचने हेतु रख लिया जाता है।

भृंगराज के लाभ, प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव

यहां तक कि सुरक्षित मुसली को स्तंभन दोष के इलाज के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक जड़ी बूटी के रूप में माना जाता हैं।

यह मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है।

यह नपुंसकता को दूर करती है और वीर्य का उत्पादन Source कर वीर्य की गुणवत्ता सुधारने में सहायक होती है। एक से डेढ़ चम्मच मूसली पाक को गाय के दूध में मिलाकर दिन में २ बार पीना चाहिए। नपुंसकता का खतरा खत्म हो जाता है।

मुस्ली एक एडाप्टोजन है जो इम्युनिटी में सुधार लाती है। यह एक हर्बल वियाग्रा है जो पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसे थकान, खराब परिसंचरण और अन्य संक्रमणों में सुधार करने के लिए भी प्रयोग किया जाता था।

बेहतर परिणाम के लिए उपभोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें क्योंकि सफ़ेद मूसली एक विषय है जो कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन या एफडीए द्वारा पारित नहीं किया गया है।

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खुराक और सेवन की विधि : आधा चम्मच मूसली पाउडर दूध या पानी के साथ दिन में दो बार खाने के बाद लें।

सफ़ेद मूसली में एंटीडाइबेटिक, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-तनाव प्रभाव हैं। यह तनाव, चिंता, कम टेस्टोस्टेरोन स्तर, शुक्राणु विकार और सामान्य कमजोरी से संबंधित पुरुष यौन समस्याओं में फायदेमंद है। चूंकि इसमें ऊर्जा बढ़ाने, एंटीस्ट्रेस, एडेप्जन और प्रभाव है, यह ईडी, को कम करती है और पीई, समयपूर्व स्खलन की समस्या में सुधार करती है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह हर्बल और गैर-हार्मोनल रीस्टोरटिव टॉनिक है।

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